भीगें हैं नयना
किसी की भीगीं पलकें तो यह न समझना,
जरूर इश्क में टूटा है तो रोया होगा,
और भी होते हैं इस जमाने पलकों के भीगने के सबब।
किसी के दूर जाने का गम रुला जाता है,
किसी के पास आने का पल रुला जाता है,
आँसूओ की पहचान करना सीख लो साहब,
सीख जाओगे जिन्दगी जीने का अदब।
किसी के होठों पर न ला सको तरन्नुम,
तो कोई गम न करना,
पर किसी की भीगती पलकों की बजह न बनना
इससे बड़ा नही कोई गुनाहे करम।
जब उठती हैं दिल में सदाएं
जब घुटती हैं दिल में आहें,
तब भीगते हैं यह नयना ,
जब बड़ जाते हैं उदासी ओ
Deepak Dangaich
25-Oct-2021 11:27 PM
Kya baat hai
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Niraj Pandey
10-Oct-2021 07:45 PM
बहुत अच्छे
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Miss Lipsa
09-Oct-2021 08:46 PM
Wow
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